National Mathematics Day :यह दिवस हर वर्ष 22 दिसंबर को प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उनके योगदानों को मान्यता देता है और उनके कार्यों का उत्सव मनाता है। इस दिन, प्रतिभाशाली गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 1887 में तमिलनाडु के इरोड में एक तमिल ब्राह्मण अयंगर परिवार में हुआ था।
प्राचीन समय से गणित के क्षेत्र में कई विद्वानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिनमें आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, महावीर, भास्कर द्वितीय और श्रीनिवास रामानुजन शामिल हैं। श्रीनिवास रामानुजन ने बहुत कम उम्र में अपनी अद्वितीय प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
National Mathematics Day 2024: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
2012 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने चेन्नई में प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दिन को National Mathematics Day के रूप में मान्यता दी गई। इसलिए, 22 दिसंबर 2012 को पूरे देश में पहली बार राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया गया।
श्रीनिवास रामानुजन एक अद्वितीय भारतीय गणितज्ञ थे, जिनका जन्म 22 दिसंबर, 1887 को हुआ।
National Mathematics Day: महत्व
इस उत्सव का प्रमुख उद्देश्य मानवता के विकास में गणित के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह ध्यान देने योग्य है कि देश की युवा पीढ़ी में गणित सीखने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रेरित, उत्साहित और विकसित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।
National Mathematics Day का आयोजन किस प्रकार किया जाता है?
नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस इंडिया, इलाहाबाद में स्थित एक प्रमुख विज्ञान अकादमी है। National Mathematics Day के उपलक्ष्य में, नासी गणित और रामानुजन के उपयोगों पर एक कार्यशाला का आयोजन करता है। इस कार्यशाला में देशभर से गणित के क्षेत्र के प्रसिद्ध शिक्षकों और विशेषज्ञों की भागीदारी होती है। वक्ता गणित में श्रीनिवास रामानुजन के योगदान पर चर्चा करते हैं, जो कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण है।
’16वीं शताब्दी से पहले भारतीय गणित का इतिहास’ विषय पर एक दो दिवसीय कार्यशाला 30-31 दिसंबर 2019 को प्रयागराज स्थित नासी के मुख्यालय में आयोजित की गई।
श्रीनिवास रामानुजन और गणित में योगदान
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को इरोड, भारत में हुआ और उनकी मृत्यु 26 अप्रैल 1920 को कुंभकोणम में हुई। उनका परिवार ब्राह्मण समुदाय से था और आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहा था। 12 वर्ष की आयु में, उन्होंने त्रिकोणमिति में गहरी समझ विकसित की और बिना किसी सहायता के अपने प्रमेय और विचारों को तैयार किया।
क्या आप जानते हैं कि 15 वर्ष की उम्र में, उन्होंने जॉर्ज शूब्रिज कैर की “सिनॉप्सिस ऑफ़ एलीमेंट्री रिजल्ट्स इन प्योर एंड एप्लाइड मैथमेटिक्स” की एक प्रति प्राप्त की थी?
उन्होंने अपने बचपन के दिनों को अत्यधिक गरीबी में बिताया। स्कूल में वे अपने दोस्तों से किताबें उधार लेकर पढ़ाई करते थे। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने बचपन में ही क्लर्क की नौकरी कर ली थी। जब भी उन्हें फुर्सत मिलती, वे गणित के सवाल हल करते और विभिन्न प्रमेयों पर कार्य करते। एक बार एक अंग्रेज ने उनके काम को देखा और बहुत प्रभावित हुआ।
उसने श्रीनिवास रामानुजन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हार्डी के पास भेजा। प्रोफेसर हार्डी ने उनकी छिपी हुई प्रतिभा को पहचाना और इसके बाद वे विश्वभर में प्रसिद्ध हो गए।
उनके शोधपत्र 1911 में भारतीय गणितीय सोसायटी के जर्नल में प्रकाशित हुए थे। उन्होंने लगभग 3900 परिणामों का संकलन किया, जिसमें मुख्य रूप से पहचान और समीकरण शामिल थे, और यह सब उन्होंने बिना किसी सहायता के किया। इनमें से कई परिणाम अद्वितीय और नवीन हैं, जैसे रामानुजन प्राइम, रामानुजन थीटा फ़ंक्शन, विभाजन सूत्र और नकली थीटा फ़ंक्शन।
उल्लेखनीय है कि संख्या 1729 को हार्डी-रामानुजन संख्या के रूप में जाना जाता है।
गणित के महत्व और गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के योगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर वर्ष 22 दिसंबर को National Mathematics Day मनाया जाता है। भारत सरकार ने 2012 में श्रीनिवास रामानुजन की जयंती को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। तब से यह दिन हर साल 22 दिसंबर को मनाया जाता है।
भारत का गणित में योगदान 1200 ईसा पूर्व से 1800 ईसा पूर्व तक विस्तारित है। इसमें दशमलव संख्या प्रणाली, शून्य और ऋणात्मक संख्याओं की अवधारणा, अंकगणित, बीजगणित और त्रिकोणमिति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में योगदान शामिल है। इसका शास्त्रीय और स्वर्णिम काल चौथी से सोलहवीं शताब्दी के बीच रहा, जिसमें आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त और भास्कर द्वितीय जैसे महान विद्वानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
National Mathematics Day: कार्यक्रमों की अनुसूची
- 1887 :महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म आज ही के दिन तमिलनाडु के इरोड में एक ब्राह्मण अयंगर परिवार में हुआ। बचपन से ही गणित के प्रति उनकी गहरी रुचि थी, जिसके चलते उन्होंने केवल 12 वर्ष की आयु में त्रिकोणमिति में दक्षता प्राप्त कर ली थी। वे कुंभकोणम के सरकारी कला महाविद्यालय में छात्रवृत्ति के लिए भी योग्य थे।
- 1912: श्रीनिवास रामानुजन ने 1912 में मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया।
- 1913 :उनकी हार्डी से भेंट हुई, जिसके बाद वे ट्रिनिटी कॉलेज में अध्ययन के लिए गए।
- 1916: इस वर्ष रामानुजन को विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त हुई। इसके पश्चात उन्होंने हार्डी की सहायता से अपने विषय पर कई शोधपत्र प्रकाशित किए।
- 1918: महान गणितज्ञ को एलिप्टिक फंक्शन और संख्याओं के सिद्धांत पर उनके अनुसंधान के लिए प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी में शामिल किया गया। वे ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो बनने वाले पहले भारतीय थे।
- 1919: रामानुजन भारत वापस लौट आए।
- 1920: 26 अप्रैल को उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ने के कारण उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी आयु केवल 32 वर्ष थी।
National Mathematics Day: FAQ
National Mathematics Day का उद्देश्य क्या है?
National Mathematics Day हर साल 22 दिसंबर को महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन गणित के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है और इसका मुख्य उद्देश्य गणित के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है।
National Mathematics Day के लिए 22 दिसंबर का चयन क्यों किया गया है?
22 दिसंबर को श्रीनिवास रामानुजन की जयंती मनाई जाती है, जिनका जन्म 1887 में तमिलनाडु के इरोड में हुआ था। इस दिन को 2012 में मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मान्यता दी गई थी।
National Mathematics Day की स्थापना किन कारणों से हुई?
2012 में, सरकार ने 22 दिसंबर को National Mathematics Day के रूप में मान्यता दी और पूरे वर्ष को राष्ट्रीय गणित वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य मानव विकास पर गणित के महत्वपूर्ण प्रभाव को उजागर करना और श्रीनिवास रामानुजन की महानता को स्मरण करना था।
National Mathematics Day का आविष्कार किसने किया?
यह 26 दिसंबर 2011 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा मद्रास विश्वविद्यालय में भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 125वीं जयंती के अवसर पर प्रस्तुत किया गया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह भी घोषणा की कि 2012 को राष्ट्रीय गणित वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।
भारत में गणित का पिता कौन है?
आर्यभट्ट एक भारतीय गणितज्ञ और खगोलज्ञ थे, जिन्होंने त्रिकोणमिति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आर्यभट्ट, जो 476 ईस्वी से 550 ईस्वी तक जीवित रहे, भारतीय गणित के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक माने जाते हैं। उन्हें आमतौर पर भारतीय गणित का पिता माना जाता है।